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West Bengal: ममता के मंत्री की बेटी को जालसाजी से मिली सरकारी नौकरी? CBI ने दर्ज किया केस

 West Bengal: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के मंत्री पर जालसाजी का आरोप लगा है. बेटी को गलत तरीके से नौकरी दिलाने के आरोप में उनके खिलाफ सीबीआई ने केस दर्ज किया है.

West Bengal: ममता के मंत्री की बेटी को जालसाजी से मिली सरकारी नौकरी? CBI ने दर्ज किया केस

West Bengal Minister Paresh Chandra govt funded school: CBI ने पश्चिम बंगाल के शिक्षा मंत्री परेश चंद्रा अधिकारी और उनकी बेटी अंकिता अधिकारी के खिलाफ मामला दर्ज किया है. आरोप है कि मंत्री परेश अधिकारी की बेटी अंकिता अधिकारी को नियमों के खिलाफ जाकर असिस्टेंट टीचर के पद पर सरकारी नौकरी दी गयी. सीबीआई ने ये मामला पश्चिम बंगाल हाइ कोर्ट के आदेश पर दर्ज किया है और साथ ही मंत्री और बेटी को जांच के लिये सीबीआई के सामने पेश होने के लिये भी कहा है.

मंत्री की बेटी को नौकरी पर उठे सवाल

पश्चिम बंगाल सरकार ने साल 2016 में कक्षा 11 और 12 के लिय राजनीति विज्ञान के लिये असिस्टेंट टीचर की पोस्ट निकाली थी. लेकिन आरोप है कि परीक्षा में जरूरी नंबर नहीं आने के बावजूद अंकिता अधिकारी को नौकरी पर रखा गया और इस वजह से बबीता सरकार, जिसका नाम मेरिट लिस्ट में था वो नौकरी पाने से रह गयी.

धांधली को लेकर हाई कोर्ट में याचिका

बबीता ने उनकी जगह अंकिता अधिकारी को दी गयी नौकरी के खिलाफ हाइ कोर्ट में याचिका लगायी थी. जिसमें कहा गया कि अंकिता के स्टेट लेवल स्लेक्शन टेस्ट(SLST) में मात्र 61 नंबर आये थे और उसके बाद लिये पर्सनेलिटी टेस्ट में नंबर की कोई जानकारी नहीं है. हाईकोर्ट ने कमिशन से अंकिता अधिकारी और बबिता सरकार के नंबरों के बारे में जानकारी मांगी तो पता चला कि अंकिता अधिकारी को 61 नंबर मिले थे जिसमें 30 सब्जेक्ट और 31 एकेडिमिक स्कोर थे यानी कुल 61 नंबर. जरूरी नंबर नहीं होने की वजह से अंकिता को पर्सनेलिटी टेस्ट के लिये नहीं बुलाया गया था.

कोर्ट ने दिए जांच के आदेश

वहीं दूसरी तरफ बबीता को 77 नंबर दिये गये थे जिसमें 36 सब्जेक्ट और 33 एकेडिमिक स्कोर के और पर्सनेलिटी टेस्ट में 8 नंबर दिये गये थे. इसी वजह से बबिता का नाम पहली लिस्ट में 20वें नबंर पर था लेकिन आरोप है कि अंकिता का नाम आखिरी समय में पहली लिस्ट में 20वें नबंर पर रखा गया. जिसकी वजह से बबीता का नाम दूसरी लिस्ट में 21वें नंबर पर गया और नौकरी की हकदार होने के बावजूद उन्हें नौकरी नहीं मिली. इसी धांधली को लेकर बबीता ने पश्चिम बंगाल हाइ कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. जिसके बाद इस पूरे मामले की जांच के आदेश दिये गये.

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