![Who is Yasin Malik?: अपहरण-हत्याएं, आतंकियों के लिए पैसे जुटाए... यासीन मलिक को अब मिलेगी गुनाहों की सजा yasin malik](https://spiderimg.amarujala.com/cdn-cgi/image/width=414,height=233,fit=cover,f=auto/assets/images/2022/05/10/750x506/yasin-malik_1652196316.jpeg)
कश्मीरी अलगाववादी नेता यासीन मलिक को टेरर फंडिंग मामले में आज दिल्ली की विशेष अदालत में सजा सुनाई जानी है। एनआईए कोर्ट ने यासीन मलिक को दोषी पाया है। यसीन को 19 मई को यूएपीए (गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम) के तहत दोषी करार दिया गया था।
यासीन मलिक पर 2017 में कश्मीर में आतंकवाद और अलगाववादी गतिविधियों को अंजाम देने जैसे तमाम गंभीर आरोप है। यासीन ने दिल्ली की अदालत में यूएपीए के तहत दर्ज ज्यादातर मामलों में अपने पर लगे आरोपों को मंजूर कर चुका है। 2019 में केंद्र सरकार ने जेकेएलएफ पर प्रतिबंध लगा दिया था। वह अभी तिहाड़ जेल में बंद है। इसके अलावा यासीन पर 1990 में एयरफोर्स के 4 जवानों की हत्या का आरोप है, जिसे उसने स्वीकारा था। उस पर मुफ्ती मोहम्मद सईद की बेटी रूबिया सईद के अपहरण का भी आरोप है।
यासीन मलिक पर 2017 में कश्मीर में आतंकवाद और अलगाववादी गतिविधियों को अंजाम देने जैसे तमाम गंभीर आरोप है। यासीन ने दिल्ली की अदालत में यूएपीए के तहत दर्ज ज्यादातर मामलों में अपने पर लगे आरोपों को मंजूर कर चुका है। 2019 में केंद्र सरकार ने जेकेएलएफ पर प्रतिबंध लगा दिया था। वह अभी तिहाड़ जेल में बंद है। इसके अलावा यासीन पर 1990 में एयरफोर्स के 4 जवानों की हत्या का आरोप है, जिसे उसने स्वीकारा था। उस पर मुफ्ती मोहम्मद सईद की बेटी रूबिया सईद के अपहरण का भी आरोप है।
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यासीन मलिक पर आरोप क्या रहे
साल 2017 में मलिक के खिलाफ आतंकी घटनाओं से जुड़ने और कश्मीर घाटी में माहौल खराब करने की साजिश करने का आरोप लगा। मलिक पर गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम कानून (यूएपीए) की धारा 16 (आतंकी गतिविधि), धारा 17 (आतंकी फंडिंग), धारा 18 (आतंकी गतिविधि की साजिश) और धारा 20 (आतंकवादी गिरोह या संगठन का सदस्य होना) सहित आईपीसी की धारा 120-B (आपराधिक साजिश) और 124-A (राजद्रोह) के तहत केस दर्ज किया गया था।
साल 2017 में मलिक के खिलाफ आतंकी घटनाओं से जुड़ने और कश्मीर घाटी में माहौल खराब करने की साजिश करने का आरोप लगा। मलिक पर गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम कानून (यूएपीए) की धारा 16 (आतंकी गतिविधि), धारा 17 (आतंकी फंडिंग), धारा 18 (आतंकी गतिविधि की साजिश) और धारा 20 (आतंकवादी गिरोह या संगठन का सदस्य होना) सहित आईपीसी की धारा 120-B (आपराधिक साजिश) और 124-A (राजद्रोह) के तहत केस दर्ज किया गया था।
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जेकेएलएफ से जुड़ा रहा है यासीन
यासीन मलिक जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) से जुड़ा है। 1989 के आखिर व 1990 के शुरूआत में जेकेएलएफ ही एकमात्र आतंकी संगठन था। उसी ने पंडितों को विस्थापित होने के लिए मजबूर किया। यह संगठन कश्मीर की आजादी का नारा देता था, जो पाकिस्तान को पसंद नहीं था क्योंकि वह कश्मीर को पाकिस्तान में मिलाना चाहता था। जेकेएलएफ की ओर से घाटी के हालात खराब कर दिए जाने के बाद पाकिस्तान ने हिजबुल को प्रश्रय देना शुरू कर दिया।
इसके बाद जेकेएलएफ ने अलग रास्ता अख्तियार कर लिया। टेरर फंडिंग से लेकर अन्य आतंकी घटनाओं में शामिल हो गया। जेकेएलएफ आतंकियों ने ही न केवल कश्मीरी पंडितों बल्कि देशभक्त मुस्लिमों पर भी हमले किए। कश्मीरी पंडितों का कहना है कि यासीन मलिक की सजा से पूरी घाटी में आतंकवाद के पारिस्थितिकी तंत्र (इको-सिस्टम) को जबर्दस्त झटका लगेगा। तीस साल पहले ऐसी व्यवस्था थी कि ऐसे लोग हीरो बन जाते थे, लेकिन अब उन्हें सजा मिलेगी।
यासीन मलिक जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) से जुड़ा है। 1989 के आखिर व 1990 के शुरूआत में जेकेएलएफ ही एकमात्र आतंकी संगठन था। उसी ने पंडितों को विस्थापित होने के लिए मजबूर किया। यह संगठन कश्मीर की आजादी का नारा देता था, जो पाकिस्तान को पसंद नहीं था क्योंकि वह कश्मीर को पाकिस्तान में मिलाना चाहता था। जेकेएलएफ की ओर से घाटी के हालात खराब कर दिए जाने के बाद पाकिस्तान ने हिजबुल को प्रश्रय देना शुरू कर दिया।
इसके बाद जेकेएलएफ ने अलग रास्ता अख्तियार कर लिया। टेरर फंडिंग से लेकर अन्य आतंकी घटनाओं में शामिल हो गया। जेकेएलएफ आतंकियों ने ही न केवल कश्मीरी पंडितों बल्कि देशभक्त मुस्लिमों पर भी हमले किए। कश्मीरी पंडितों का कहना है कि यासीन मलिक की सजा से पूरी घाटी में आतंकवाद के पारिस्थितिकी तंत्र (इको-सिस्टम) को जबर्दस्त झटका लगेगा। तीस साल पहले ऐसी व्यवस्था थी कि ऐसे लोग हीरो बन जाते थे, लेकिन अब उन्हें सजा मिलेगी।
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कश्मीर में आतंकवाद के बीज जेकेएलएफ ने बोए
घाटी में आतंकवाद का बीज जेकेएलएफ ने ही बोया है। शुरूआत में पाकिस्तान ने इस संगठन को प्रश्रय दिया। घाटी में जब हालात खराब हो गए तो उसने हिजबुल मुजाहिदीन को आगे कर दिया। इस बीच कश्मीरी पंडितों को विस्थापन के लिए मजबूर होना पड़ा। सबसे पहले 1989 में आतंकियों ने भाजपा नेता टीका लाल टपलू की हत्या की।
इस घटना के लगभग डेढ़ महीने बाद सेवानिवृत्त जज नीलकंठ गंजू की हरि सिंह स्ट्रीट में चार नवंबर 1989 को आतंकियों ने हत्या कर दी। यह हत्या आतंकी मकबूल भट को फांसी की सजा सुनाए जाने के बदले में की गई, क्योंकि गंजू ने ही उसे एक इंस्पेक्टर की हत्या मामले में सजा सुनाई थी। हालांकि, इस हत्या की प्राथमिकी में अज्ञात आतंकियों का जिक्र है, लेकिन बताते हैं कि इसमें यासीन मलिक और जावेद मीर नलका शामिल थे।
घाटी में आतंकवाद का बीज जेकेएलएफ ने ही बोया है। शुरूआत में पाकिस्तान ने इस संगठन को प्रश्रय दिया। घाटी में जब हालात खराब हो गए तो उसने हिजबुल मुजाहिदीन को आगे कर दिया। इस बीच कश्मीरी पंडितों को विस्थापन के लिए मजबूर होना पड़ा। सबसे पहले 1989 में आतंकियों ने भाजपा नेता टीका लाल टपलू की हत्या की।
इस घटना के लगभग डेढ़ महीने बाद सेवानिवृत्त जज नीलकंठ गंजू की हरि सिंह स्ट्रीट में चार नवंबर 1989 को आतंकियों ने हत्या कर दी। यह हत्या आतंकी मकबूल भट को फांसी की सजा सुनाए जाने के बदले में की गई, क्योंकि गंजू ने ही उसे एक इंस्पेक्टर की हत्या मामले में सजा सुनाई थी। हालांकि, इस हत्या की प्राथमिकी में अज्ञात आतंकियों का जिक्र है, लेकिन बताते हैं कि इसमें यासीन मलिक और जावेद मीर नलका शामिल थे।
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यासनी ने एक टीवी इंटरव्यू में भी कबूली थी हत्या
मलिक ने एक टीवी इंटरव्यू में हत्या की बात कबूल भी की थी। आठ दिसंबर 1989 को गृह मंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद की बेटी रुबिया सईद का यासीन मलिक व अन्य आतंकियों ने अपहरण कर लिया। बदले में विभिन्न जेलों में बंद पांच खूंखार आतंकियों को छोड़ना पड़ा था। इसमें नलका भी था।
इस घटना के लगभग डेढ़ महीने बाद 25 जनवरी 1990 को यासीन मलिक व जेकेएलएफ के अन्य आतंकियों ने श्रीनगर में वायुसेना के जवानों पर अंधाधुंध फायरिंग की। इसमें चार की मौत हो गई, जबकि 40 अन्य घायल हो गए। हाल ही उसने अपने सभी जुर्म कबूल कर लिए हैं।
मलिक ने एक टीवी इंटरव्यू में हत्या की बात कबूल भी की थी। आठ दिसंबर 1989 को गृह मंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद की बेटी रुबिया सईद का यासीन मलिक व अन्य आतंकियों ने अपहरण कर लिया। बदले में विभिन्न जेलों में बंद पांच खूंखार आतंकियों को छोड़ना पड़ा था। इसमें नलका भी था।
इस घटना के लगभग डेढ़ महीने बाद 25 जनवरी 1990 को यासीन मलिक व जेकेएलएफ के अन्य आतंकियों ने श्रीनगर में वायुसेना के जवानों पर अंधाधुंध फायरिंग की। इसमें चार की मौत हो गई, जबकि 40 अन्य घायल हो गए। हाल ही उसने अपने सभी जुर्म कबूल कर लिए हैं।
![Who is Yasin Malik?: अपहरण-हत्याएं, आतंकियों के लिए पैसे जुटाए... यासीन मलिक को अब मिलेगी गुनाहों की सजा नीले कुर्ते में पेशी के लिए जाता यासीन मलिक](http://spiderimg.amarujala.com/assets/images/2022/05/25/750x506/yasin-malik_1653462637.jpeg)
आतंकी से अलगाववादी नेता तक का सफर
यासीन मलिक श्रीनगर का रहने वाला है। उसने श्रीनगर के एसपी कॉलेज से ग्रेजुएशन की है। उसने उग्र राजनीति की शुरुआत 80 के दशक में की थी। वह 1988 में अन्य लोगों के साथ आतंकवाद के प्रशिक्षण के लिए पाकिस्तान गया था। उसके बाद उसने कश्मीर घाटी में सशस्त्र विद्रोह किया और अपने समूह के साथ सुरक्षाबलों और निर्दोष लोगों पर कई हमले किए।
यासीन को अगस्त 1990 में पकड़ लिया गया और 1994 तक जेल में रहा। उसके बाद मलिक ने अपने संगठन जेकेएलएफ के साथ युद्ध विराम की घोषणा की और अलगाववादी नेता के सफर पर आगे बढ़ा। उसे कई बार गिरफ्तार किया गया। 2009 में यासीन एक पाकिस्तानी महिला मुशेल हुसैन मलिक से शादी की। उसकी एक बेटी भी है, जिसका नाम रजिया सुल्तान है।
यासीन मलिक श्रीनगर का रहने वाला है। उसने श्रीनगर के एसपी कॉलेज से ग्रेजुएशन की है। उसने उग्र राजनीति की शुरुआत 80 के दशक में की थी। वह 1988 में अन्य लोगों के साथ आतंकवाद के प्रशिक्षण के लिए पाकिस्तान गया था। उसके बाद उसने कश्मीर घाटी में सशस्त्र विद्रोह किया और अपने समूह के साथ सुरक्षाबलों और निर्दोष लोगों पर कई हमले किए।
यासीन को अगस्त 1990 में पकड़ लिया गया और 1994 तक जेल में रहा। उसके बाद मलिक ने अपने संगठन जेकेएलएफ के साथ युद्ध विराम की घोषणा की और अलगाववादी नेता के सफर पर आगे बढ़ा। उसे कई बार गिरफ्तार किया गया। 2009 में यासीन एक पाकिस्तानी महिला मुशेल हुसैन मलिक से शादी की। उसकी एक बेटी भी है, जिसका नाम रजिया सुल्तान है।
यासीन मलिक के खिलाफ कौन-कौन से केस हैं
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