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Maharashtra Politics: राज ठाकरे ने राज्यपाल भगतसिंह कोश्यारी के बयान पर की नाराजगी जाहिर, कहा- इतिहास नहीं पता तो बात न करें

 

Raj Thackeray On Governor Remark: उन्होंने कहा कि सिर्फ इसलिए बात करके माहौल खराब न करें कि चुनाव से पहले किसी ने कुछ कहा था. आपने ऐसा क्यों कहा हम इतने भोले नहीं हैं कि यह न जान सकें

Bhagat Singh Koshyari Remark: महाराष्ट्र (Maharashtra) की सियासत में एक बार फिर हलचल तेज हो गई है. राज्य के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी (Bhagat Singh Koshyari) को अपने बयान के बाद आलोचना का सामना करना पड़ रहा है. उनके बयान पर विपक्ष पूरी तरह से हमलावर हो गया है तो वहीं बीजेपी (BJP) नेता भी उनके बयान पर असहमति जता रहे हैं. अब एमएनएस (MNS) के अध्यक्ष राज ठाकरे (Raj Thackeray) ने भी उनके बयान पर नाराजगी जाहिर की है.

उन्होंने कहा कि कोश्यारी की होशियारी? यदि आप महाराष्ट्र के इतिहास के बारे में नहीं जानते हैं तो बात न करें. राज्यपाल प्रतिष्ठा और सम्मान की पदवी है इसलिए लोग उनके खिलाफ बोलने से हिचकिचाते हैं, लेकिन राज्यपाल के बयानों ने महाराष्ट्र के लोगों की भावनाओं को आहत किया है. महाराष्ट्र में दूसरे राज्यों से लोग आए और यहां व्यापार करने आ रहे हैं, सिर्फ इसलिए कि मराठी आदमी ने यहां मन और जमीन की खेती की? दूसरी तरफ क्या उन्हें ऐसा माहौल मिलेगा? उन्होंने कहा कि सिर्फ इसलिए बात करके माहौल खराब न करें कि चुनाव से पहले किसी ने कुछ कहा था. आपने ऐसा क्यों कहा हम इतने भोले नहीं हैं कि यह न जान सकें. मराठी आदमी को मत भूलना, मैं अभी आपको बस इतना ही बता रहा हूं.

एनसीपी और कांग्रेस ने भी किया विरोध

वहीं, एनसीपी  विधायक अमोल मितकारी ने कहा है कि महाराष्ट्र और मुंबई  के लोग कुशल और सक्षम हैं. उन्होंने कहा कि एक मराठी व्यक्ति की कमाई से कई राज्य के लोगों को खाना मिलता है. हम ईमानदार लोग हैं, जो मेहनत की रोटी खाते हैं और दूसरों को भी खिलाते हैं. मितकारी ने कहा कि आपने मराठी लोगों का अपमान किया है, जल्द से जल्द महाराष्ट्र से माफी मांगे. तो वहीं कांग्रेस  ने कहा है कि जिस राज्य के वो राज्यपाल हैं उसी राज्य के लोगों को अपमानित कर रहे हैं. उनके शासनकाल में राज्यपाल की गरिमा को गिराया गया है.

क्या कहा भगत सिंह कोश्यारी ने

भगत सिंह कोश्यारी (Bhagat Singh Koshyari) ने मुंबई (Mumbai) के अंधेरी में एक चौक के उद्घाटन और नामकरण समारोह के बाद एक सभा को संबोधित करते हुए कहा, “कभी-कभी मैं महाराष्ट्र (Maharashtra) में लोगों से कहता हूं कि अगर गुजराती (Gujarat) और राजस्थानी (Rajasthan) लोगों को यहां से हटा दिया गया, तो आपके पास पैसे नहीं रहेंगे. आप मुंबई को आर्थिक राजधानी कहते हैं, लेकिन अगर ये (गुजराती और राजस्थानी) लोग यहां नहीं हैं, तो इसे आर्थिक राजधानी नहीं कहा जाएगा.”

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